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Tag Archives: खय्याम
पर्बतों के पेड़ों पर…
पर्बतों के पेड़ों पर, शाम का बसेरा है सुरमई उजाला है, चंपई अँधेरा है दोनों वक़्त मिलते हैं, दो दिलों की सूरत से आसमाँ ने खुश होकर, रंग सा बिखेरा है
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged 1964, Alankaar Songs, Kamaljeet, Kamaljit, Khayyam, Lyrics of Hindi Film Songs, Mohd. Rafi, Sahir Ludhiyanvi, Shagoon, Suman Kalyanpur, Waheeda Rehman, अलंकार भरे गीत, उर्दू (हिन्दुस्तानी), कमलजीत, खय्याम, मोहम्मद रफ़ी, वहीदा रहमान, शगुन, साहिर लुधियानवी, सुमन कल्याणपुर, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९६४
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ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani)
Tagged 1797, 1869, 1954, 1959, 1961, Abida Parveen, Begum Akhtar, Chitra Singh, Dhoomal, Diwan-e-Ghalib, Film: Ghalib (1961 Pakistan), Film: Mirza Ghalib (1954), Ghazal, Ghulam Mohammed, Kajalbas Suhrawardi, Khayyam, Main Nashe Mein Hoon, Mirza Ghalib, Mohd. Rafi, Noor Jehan, Pakistani Music, Raj Kapoor, Salim Raza, Shankar Jaikishan, Sher-o-Shayari, Suraiya, Tassadaque Hussain, Usha Mangeshkar, Ustad Amanat Ali Khan, आबिदा परवीन, उर्दू (हिन्दुस्तानी), उस्ताद अमानत अली खान, ऊषा मंगेश्कर, खय्याम, चित्रा सिंह, तसद्दक़ हुसैन, दीवान-ए-ग़ालिब, धूमल, नूरजहाँ, पाकिस्तानी संगीत, बेग़म अख्तर, भारत भूषण, मिर्ज़ा ग़ालिब, मैं नशे में हूँ, मोहम्मद रफ़ी, राज कपूर, शंकर-जयकिशन, शेरो-शायरी, सलीम रज़ा, सुरैया, क़ज़लबाश सुहरावर्दी, ग़ुलाम मोहम्मद, फ़िल्म: मिर्ज़ा ग़ालिब (१९५४), फ़िल्म: ग़ालिब (१९६१ पाकिस्तान), फ़िल्मी गीत, १७९७, १८६९, १९५४, १९५९, १९६१
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जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा
मुखड़ा (रफ़ी, रहमान के लिये स्वर): फिरते थे जो बड़े ही सिकंदर बने हुये बैठें हैं उनके सर पे कबूतर बने हुये गीत (रफ़ी): जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा तौबा, उस प्यार से तौबा…
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1958, Khayyam, Mala Sinha, Mohd. Rafi, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Rehman, Sahir Ludhiyanvi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, फिर सुबह होगी, माला सिन्हा, मुकेश, मोहम्मद रफ़ी, रहमान, राज कपूर, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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फ़क़ीराना आये सदा कर चले
फ़क़ीराना आये सदा कर चले मियाँ खुश रहो हम दुआ कर चले
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani)
Tagged 1723, 1810, 1982, Bazaar, Kavitakosh, Khayyam, Lata Mangeshkar, Meer Taqi 'Meer', Poems, Sher-o-Shayari, उर्दू (हिन्दुस्तानी), कविताकोष, खय्याम, दर्द भरे नग्मे, मीर तक़ी 'मीर', लता मंगेश्कर, शेरो-शायरी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १७२३, १८१०, १९८२
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आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम
आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम आजकल वो इस तरफ देखता है कम आजकल किसी को वो टोकता नहीं, चाहे कुछ भी कीजिये रोकता नहीं, हो रही है लूटमार, फट रहे हैं बम आसमाँ पे है खुदा ….
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Patriotic
Tagged 1958, Khayyam, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Sahir Ludhiyanvi, Satire, Social Theme, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, देशभक्ति, फिर सुबह होगी, भारत, भ्रष्टाचार, मुकेश, राज कपूर, व्यंग्य, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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