Category Archives: Urdu (Hindustani)

ये रात बहुत रंगीन सही

ये रात बहुत रंगीन सही इस रात में ग़म का ज़हर भी है नग़्मों की खनक में डूबी हुई फरियाद-ओ-फ़ुग़ाँ की लहर भी है ये रात बहुत रंगीन सही तुम रक़्स करो मैं शेर पढ़ूं मतलब तो है कुछ ख़ैरात … Continue reading

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देनदार कोउ और है…

देनदार कोउ और है, देत रहत दिन-रैन । लोग भरम हम पर करें, ताते नीचे नैन ।। कवि: अब्दुर्रहीम खान खाना / Abdul Rahim Khan-I-Khana

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शमा जलती रहे, तो बेहतर है…

टैंक आगे बढ़ें, या पीछे हटें, कोख धरती की, बांझ होती है । फ़तह का जश्न हो, या हार का सोग, जिंदगी, मय्यतों पर रोती है ।। इसलिए, ऐ शरीफ़ इंसानो, जंग टलती रहे, तो बेहतर है । आप और … Continue reading

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हसरत-ए-दीदार

दिल को नियाज़-ए-हसरत-ए-दीदार कर चुके देखा तो हम में ताक़त-ए-दीदार भी नहीं शेर: मिर्ज़ा ग़ालिब

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पापी दिल

मस्जिद तो बना दी शब भर में, ईमाँ की हरारत वालों ने दिल अपना पुराना पापी है, बरसों में नमाज़ी हो न सका शेर: इक़बाल

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