Tag Archives: Sahir Ludhiyanvi

ये रात बहुत रंगीन सही

ये रात बहुत रंगीन सही इस रात में ग़म का ज़हर भी है नग़्मों की खनक में डूबी हुई फरियाद-ओ-फ़ुग़ाँ की लहर भी है ये रात बहुत रंगीन सही तुम रक़्स करो मैं शेर पढ़ूं मतलब तो है कुछ ख़ैरात … Continue reading

Posted in Allgemein, Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Patriotic, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on ये रात बहुत रंगीन सही

शमा जलती रहे, तो बेहतर है…

टैंक आगे बढ़ें, या पीछे हटें, कोख धरती की, बांझ होती है । फ़तह का जश्न हो, या हार का सोग, जिंदगी, मय्यतों पर रोती है ।। इसलिए, ऐ शरीफ़ इंसानो, जंग टलती रहे, तो बेहतर है । आप और … Continue reading

Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Patriotic, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on शमा जलती रहे, तो बेहतर है…

अब तेरा इंतज़ार कौन करे…

सुरमई रात ढलती जाती है रूह ग़म से पिघलती जाती है तेरी ज़ुल्फ़ों से प्यार कौन करे अब तेरा इंतज़ार कौन करे

Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on अब तेरा इंतज़ार कौन करे…

सुबह का इंतज़ार कौन करे…

सुरमई रात है, सितारे हैं आज दोनों जहाँ हमारे हैं सुबह का इंतज़ार कौन करे.. ये रुत ये समाँ मिले न मिले आरज़ू का चमन खिले न खिले वक़्त का ऐतबार कौन करे…

Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on सुबह का इंतज़ार कौन करे…

मेरे साथी ख़ाली जाम…

महफ़िल से उठ जाने वालो, तुम लोगों पर क्या इल्ज़ाम तुम आबाद घरों के वासी, मैं आवारा और बदनाम मेरे साथी ख़ाली जाम…. दो दिन तुमने प्यार जताया, दो दिन तुमसे मेल रहा अच्छा खासा वक़्त कटा, और अच्छा खासा … Continue reading

Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on मेरे साथी ख़ाली जाम…