Author Archives: Rajnish Tiwari

Parables of Khalil Gibran: The Three Ants

Three ants met on the nose of a man who was asleep in the sun. And after they had saluted one another, each according to the custom of his tribe, they stood there conversing. The first ant said, “These hills … Continue reading

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ये रात बहुत रंगीन सही

ये रात बहुत रंगीन सही इस रात में ग़म का ज़हर भी है नग़्मों की खनक में डूबी हुई फरियाद-ओ-फ़ुग़ाँ की लहर भी है ये रात बहुत रंगीन सही तुम रक़्स करो मैं शेर पढ़ूं मतलब तो है कुछ ख़ैरात … Continue reading

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आल्हा जयंती पर आल्हा की याद में….

रामांशं तं शिशुं ज्ञात्वा प्रसन्नवदनं शुभम् । भाद्रकृष्णतिथौ षष्ठयां चन्द्रवारे अरुणोदये ।।  १५ सञ्जातः कृत्तिकाभे च पितृवंशयशस्करः । आह्लाद नाम्राह्यभवत्प्रश्रितश्च महीतले ।।  १६   आज, अर्थात २८ मई २०१७ को, पञ्चाङ्ग पर नज़र गई तो देखा कि २५ मई को आल्हा … Continue reading

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पर्बतों के पेड़ों पर…

पर्बतों के पेड़ों पर, शाम का बसेरा है सुरमई  उजाला है, चंपई अँधेरा है दोनों वक़्त मिलते हैं, दो दिलों की सूरत से आसमाँ ने खुश होकर, रंग सा बिखेरा है

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हमें ऐ दिल कहीं ले चल…

हमें ऐ दिल कहीं ले चल, बड़ा तेरा करम होगा हमारे दम से है हर ग़म न हम होंगे, न ग़म होगा हमें ऐ दिल कहीं ले चल…

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