Monthly Archives: October 2013

सूरज, ज़रा, आ पास आ….

सूरज, ज़रा, आ पास आ, आज सपनों की रोटी पकायेंगे हम ऐ आसमाँ, तू बड़ा मेहरबाँ आज तुझको भी दावत खिलायेंगे हम

Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on सूरज, ज़रा, आ पास आ….

मौसम बीता जाये….

भाई रे, गंगा और जमुना की गहरी है धार आगे या पीछे सबको जाना है पार धरती कहे पुकार के, बीज बिछा ले प्यार के मौसम बीता जाये, मौसम बीता जाये

Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on मौसम बीता जाये….

पिघला है सोना दूर गगन पर, फैल रहे हैं शाम के साये….

पिघला है सोना दूर गगन पर, फैल रहे हैं शाम के साये…. भगवन तेरी सुन्दर रचना कितनी प्यारी है, तेरी महिमा के गुण गाता हर नर-नारी है ख़ामोशी कुछ बोल रही है, भेद अनोखे खोल रही है पंख-पखेरू सोच में … Continue reading

Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on पिघला है सोना दूर गगन पर, फैल रहे हैं शाम के साये….

Posted in Allgemein | Tagged | Comments Off on

रात गई फिर दिन आता है…

रात गई फिर दिन आता है इसी तरह आते-जाते ही, ये सारा जीवन जाता है…

Posted in Film Lyrics, Literature | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on रात गई फिर दिन आता है…