ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता

तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता

तेरी नाज़ुकी से जाना, कि बंधा था अहद बोदा
कभी तू न तोड़ सकता, अगर उस्तुवार होता

कोई मेरे दिल से पूछे, तेरे तीर-ए-नीमकश को
यह ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता

यह कहाँ की दोस्ती है, कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई चारासाज़ होता, कोई ग़मगुसार होता

रग-ए-संग से टपकता, वो लहू कि फिर न थमता
जिसे ग़म समझ रहे हो, यह अगर शरार होता

ग़म अगरचे जाँ-गुसिल है, पै कहाँ बचें कि दिल है
ग़म-ए-इश्क़ गर न होता, ग़म-ए-रोज़गार होता

कहूँ किस से मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता

हुये मर के जो हम रुस्वा, हुये क्यों न ग़र्क़-ए-दरिया
न कभी जनाज़ा उठता, न कहीं मज़ार होता

उसे कौन देख सकता, कि यगाना है वो यकता
जो दुई  की बू भी होती, तो कहीं दो-चार होता

ये मसाइल-ए-तसव्वुफ़, यह तेरा बयान ‘ग़ालिब’
तुझे हम वली समझते, जो न बादाख्वार होता

Yeh na thi hamari qismat ki visaal-e-yaar hota
Agar aur jeete rahte, yahi intazaar hota

रचना (ग़ज़ल): मिर्ज़ा असदुल्लाह खाँ ‘ग़ालिब’ (मिर्ज़ा ग़ालिब) (१७९७-१८६९) / Ghazal (Nazm): Mirza Ghalib (1797-1869)

स्रोत:  क़ज़लबाश सुहरावर्दी द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘दीवान-ए-ग़ालिब’ (डी. पी. एस. बुक्स, नई दिल्ली, संस्करण २०१०, पृष्ठ ३२-३३) से साभार उद्धृत / Source: Gratefully excerpted from “Diwan-e-Ghalib”, Hindi (Devnagari) edition, edited by Kajalbas Suhrawardi (D.P.S. Books, New Delhi, 2010, p. 32-22, ISBN: 978-88032-78-2).   

टिप्पणी: क़ज़लबाश सुहरावर्दी साहब अपनी सम्पादित पुस्तक ‘दीवान-ए-ग़ालिब’ (२०१०: पृष्ठ ३३) में फरमाते हैं: “सच तो यह है कि ग़ालिब की यह ग़ज़ल उर्दू साहित्य की सर्वोत्तम ग़ज़ल है।”

Note: Kajalbas Suhrawardi, in his edited book (Diwan-e-Ghalib, 2010, p. 33), evaluates this Ghazal of Mirza Ghalib as “the best” in the Urdu literature.

शब्दार्थ  / Meanings

  • विसाल = मिलन, भेंट (union, meeting)
  • ऐतबार = भरोसा, विश्वास (trust, faith)
  • अहद = प्रतिज्ञा, वचन (अन्य अर्थ: ज़माना, समय) (Pledge, times)
  • बोदा = ख़ाली, कमज़ोर, लचीला (feeble, weak, worthless, empty)
  • उस्तुवार = मज़बूत, दृढ़ (firm)
  • नीमकश = आधा खिंचा हुआ (half-drawn) (नीम = आधा; कश = खिंचा)
  • ख़लिश = चुभन, पीड़ा (pain)
  • नासेह = उपदेशक, सदोपदेशक (preecher)
  • चारासाज़ = १. उपचारक २. मित्र (one who cures, friend) (also see चारागर)
  • ग़मगुसार = हमदर्द (intimate friend)
  • रग = नस (vein)
  • रुस्वा = रुसवा = बदनाम (disgraced, scandalized)
  • ग़र्क़ = ग़र्क़आब = ग़र्क़-ए-दरिया = पानी में डूबना (to drown)
  • संग = पत्थर (stone)
  • शरार = शरारा = चिंगारी (spark)
  • जाँ-गुसिल= जाँगुसिल = प्राणघातक, ह्रदय-विदारक, अत्यंत कष्टदायक (heart-breaking, mortal)
  • पै = पर (लेकिन, but)
  • शब = रात, रात्रि  (night)
  • शब-ए-ग़म = दुःख की रात, विरह की रात (night of separation)
  • यगाना = १. स्वजन, आत्मीय, रिश्तेदार २. अद्वितीय (kith and kin, extraordinary, unique) (also see यकता)
  • यकता  = यक्ता = अद्वितीय, अनुपम (matchless, unique)  (also see यगाना)
  • मसाइल = धर्म संबंधी विषय, समस्यायें (maxims, problems)
  • तसव्वुफ़ = अध्यात्म (sufism)
  • बादा = मदिरा, शराब (wine)
  • बादाख्वार = पियक्कड़, शराब पीने वाला (one who takes alcohol) (ख्वार में अर्ध-‘ख’ के नीचे एक बिंदु होनी चाहिये, परंतु software यह नहीं कर पा रहा है)

Note: This beautiful ghazal has been sung by several great singers (and even often picturized) in both India and Pakistan. Here a few of my favourite versions:

गायक: नूरजहाँ, सलीम रज़ा / Singers: Noor Jehan, Saleem Raza (Salim Raza)
संगीत: तसद्दक़ हुसैन / Music: Tassadaque Hussain
फ़िल्म: ग़ालिब (१९६१, पाकिस्तान) / Film: Ghalib (1961, Pakistan)

संगीत: ग़ुलाम मोहम्मद / Music: Ghulam Mohammed
गायक: सुरैया / Singer: Suraiya
फ़िल्म: मिर्ज़ा ग़ालिब (१९५४) / Film: Mirza Ghalib (1954)
अभिनय: भारत भूषण और सुरैया/ Actors: Bharat Bhushan and Suraiya


गायिका: आबिदा परवीन / Singer: Abida Parveen

संगीत: शंकर जयकिशन / Music: Shankar Jaikishan
गायिका: ऊषा मंगेश्कर / Singer: Usha Mangeshkar
फिल्म: मैं नशे में हूँ (१९५९) / Film: Main Nashe Mein Hoon (1959)
अभिनेता: राज कपूर, धूमल और साथी / Actors: Raj Kapoor, Dhoomal, & others

ग़ैर-फ़िल्मी ग़ज़ल: मोहम्मद रफ़ी / Non-filmi ghazal recitation: Mohd. Rafi

गायिका: बेग़म अख्तर / Singer: Begum Akhtar
संगीत: खय्याम / Music: Khayyam

गायिका: चित्रा सिंह / Singer: Chitra Singh

गायक: उस्ताद अमानत अली खान / Singer: Ustad Amanat Ali Khan

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