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Tag Archives: Raj Kapoor
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता
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Tagged 1797, 1869, 1954, 1959, 1961, Abida Parveen, Begum Akhtar, Chitra Singh, Dhoomal, Diwan-e-Ghalib, Film: Ghalib (1961 Pakistan), Film: Mirza Ghalib (1954), Ghazal, Ghulam Mohammed, Kajalbas Suhrawardi, Khayyam, Main Nashe Mein Hoon, Mirza Ghalib, Mohd. Rafi, Noor Jehan, Pakistani Music, Raj Kapoor, Salim Raza, Shankar Jaikishan, Sher-o-Shayari, Suraiya, Tassadaque Hussain, Usha Mangeshkar, Ustad Amanat Ali Khan, आबिदा परवीन, उर्दू (हिन्दुस्तानी), उस्ताद अमानत अली खान, ऊषा मंगेश्कर, खय्याम, चित्रा सिंह, तसद्दक़ हुसैन, दीवान-ए-ग़ालिब, धूमल, नूरजहाँ, पाकिस्तानी संगीत, बेग़म अख्तर, भारत भूषण, मिर्ज़ा ग़ालिब, मैं नशे में हूँ, मोहम्मद रफ़ी, राज कपूर, शंकर-जयकिशन, शेरो-शायरी, सलीम रज़ा, सुरैया, क़ज़लबाश सुहरावर्दी, ग़ुलाम मोहम्मद, फ़िल्म: मिर्ज़ा ग़ालिब (१९५४), फ़िल्म: ग़ालिब (१९६१ पाकिस्तान), फ़िल्मी गीत, १७९७, १८६९, १९५४, १९५९, १९६१
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ख़यालों में किसी के…
ख़यालों में किसी के इस तरह आया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ-आ के तड़पाया नहीं करते दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करते जो ठुकराये गये हों उनको ठुकराया नहीं करते
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1950, Bawre Nain, Geeta Dutt, Kidar Sharma, Mukesh, Raj Kapoor, Roshan, Vijayalaxmi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), केदार शर्मा, गीता दत्त, बावरे नैन, मुकेश, राज कपूर, रोशन, विजयलक्ष्मी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५०
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जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा
मुखड़ा (रफ़ी, रहमान के लिये स्वर): फिरते थे जो बड़े ही सिकंदर बने हुये बैठें हैं उनके सर पे कबूतर बने हुये गीत (रफ़ी): जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा तौबा, उस प्यार से तौबा…
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1958, Khayyam, Mala Sinha, Mohd. Rafi, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Rehman, Sahir Ludhiyanvi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, फिर सुबह होगी, माला सिन्हा, मुकेश, मोहम्मद रफ़ी, रहमान, राज कपूर, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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रात को जी चमके तारे…
रात को जी, हाय, रात को जी चमके तारे, देख बलम मोहें अँखियाँ मारे जी, मैं मर गई रामा रात को जी, हाय, रात को जी चमके तारे, पहलू में दिल मेरा पाँव पसारे जी, मैं का करूँ राम
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature
Tagged 1948, Aag, Majrooh Sultanpuri, Mukesh, Raj Kapoor, Ram Ganguly, Shamshad Begum, Shankar Jaikishan, आग, मजरूह सुल्तानपुरी, मुकेश, राज कपूर, राम गाँगुली, शंकर-जयकिशन, शमशाद बेग़म, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९४८
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वो चाँद खिला, वो तारे हँसे…
वो चाँद खिला, वो तारे हँसे ये रात अजब मतवारी है समझने वाले, समझ गये हैं न समझे? न समझे वो अनाड़ी है वो चाँद खिला, वो तारे हँसे ये रात अजब मतवारी है
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged 1959, Alankaar Songs, Anari, Hasrat Jaipuri, Lata Mangeshkar, Mukesh, Nutan, Raj Kapoor, Shankar Jaikishan, अलंकार भरे गीत, नूतन, मुकेश, राज कपूर, लता मंगेश्कर, शंकर-जयकिशन, हसरत जयपुरी, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९५९
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