पर्बतों के पेड़ों पर, शाम का बसेरा है
सुरमई उजाला है, चंपई अँधेरा है
दोनों वक़्त मिलते हैं, दो दिलों की सूरत से
आसमाँ ने खुश होकर, रंग सा बिखेरा है
ठहरे-ठहरे पानी में, गीत सरसराते हैं
भीगे-भीगे झोंकों में, खुशबुओं का डेरा है
क्यों न हो जज़्ब हो जायें, इस हसीं नज़ारे में
रौशनी का झुरमुट है, मस्तियों का घेरा है
अब किसी नज़ारे की, दिल को आरज़ू क्यों हो
जब से पा लिया तुमको, सब जहान मेरा है
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गीत: साहिर लुधियानवी / Lyrics: Sahir Ludhiyanvi
संगीत: खय्याम / Music: Khayyam
गायक: मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर / Singers: Mohd. Rafi, Suman Kalyanpur
अभिनेता: कमलजीत, वहीदा रहमान / Actors: Kamaljit, Waheeda Rehman
फिल्म: शगुन (१९६४) / Film: Shagoon (1964)
See/listen all songs of this movie at:
http://www.hindigeetmala.net/movie/shagoon.htm
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शब्दार्थ / Urdu Meanings
जज़्ब (jazb) होना (हो जाना): आत्मसात हो जाना, समा जाना (to get absorbed)
(also see the page with a small collection of Urdu meanings on this site)
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Parbaton ke pedon par, shaam ka basera hai
Surmai ujaala hai, champai andhera hai
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Trivia: Kamaljit (aka Kamaljeet) was the screen name of actor Shashi Rekhi. Waheeda Rehman and Kamaljeet married in 1974 (sources: Wikipedia, IMDB)
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