Monthly Archives: January 2014

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता

Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , | Comments Off on ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

दिल्लगी

दिल्लगी, दिल्लगी नहीं नासेह तेरे दिल को अभी लगी ही नहीं शेर: दाग़

Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , , | Comments Off on दिल्लगी

रिंदों की सोच

रोज़ रात को पी, सुबह उठ के तौबा कर ली रिंद के रिंद रहे, हाथ से जन्नत न गई

Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , | Comments Off on रिंदों की सोच