नेता और चुनावी टिकट

हमने परिचित नेता से प्रश्न किया:
आपने जिस ढंग से
अपने सिर पर टोपी लगाई
उसे देखकर सभी की बुद्धि भरमाई
आपको देखकर लोग
कई तरह के अनुमान लगा रहे हैं
अतः कृपया बतायें
कि आप पार्टी में आ रहे हैं
या पार्टी से जा रहे हैं
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निरादरणीय दल-बदलू जी…

निरादरणीय दल-बदलू जी,
बार-बार धिक्कार
सुना है आपने दूसरा दल भी छोड़ दिया
अपना भाग्य फोड़ा या उनका फोड़ दिया
लोग व्यर्थ ही संशय करते हैं कि आप कैसे हैं
किंतु आप क्या करें
आपके संस्कार ही ऐसे हैं
अस्पताल में पैदा होते ही आप
उछल कर बगल की चारपाई पर जा चढ़े थे
वह तो वहाँ नर्स और डॉक्टर खड़े थे
नहीं तो आप जड़ से ही स्वयं को बदलते
एक के यहाँ जन्मे, दूसरे के यहाँ पलते

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ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता

तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता

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दिल्लगी

दिल्लगी, दिल्लगी नहीं नासेह
तेरे दिल को अभी लगी ही नहीं

शेर: दाग़

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रिंदों की सोच

रोज़ रात को पी, सुबह उठ के तौबा कर ली
रिंद के रिंद रहे, हाथ से जन्नत न गई

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