नेता और चुनावी टिकट

हमने परिचित नेता से प्रश्न किया:
आपने जिस ढंग से
अपने सिर पर टोपी लगाई
उसे देखकर सभी की बुद्धि भरमाई
आपको देखकर लोग
कई तरह के अनुमान लगा रहे हैं
अतः कृपया बतायें
कि आप पार्टी में आ रहे हैं
या पार्टी से जा रहे हैं
वे धूर्त की तरह मुस्करा कर बोले
न तो हम पार्टी में आ रहे हैं, न जा रहे हैं
हम तो सिर्फ यह दिखा रहे हैं
कि हमारे पैरों में अभी दम है
हम चलने-फिरने में सक्षम हैं
टिकट मिलेगा
तो हम यहाँ टिक जायेंगे
अन्यथा जो टिकट देगा
उसी के हाथों बिक जायेंगे

रचना: अज्ञात
स्रोत: ओशो रजनीश के हिंदी प्रवचनों से संकलित ऑडियो कैसेट “हास्य कवितायें” से साभार उद्धृत

This entry was posted in Hindi | हिन्दी, Humor, Literature and tagged , , , , , , , , , , , , . Bookmark the permalink.