Interesting facts from India:
“According to the 2011 census, 32 per cent (377 million) of the country’s population live in urban areas as against 28 per cent in 2001 and 17 per cent in 1991.”
Source: Economic Times, 30 May 2014.
Interesting facts from India:
“According to the 2011 census, 32 per cent (377 million) of the country’s population live in urban areas as against 28 per cent in 2001 and 17 per cent in 1991.”
Source: Economic Times, 30 May 2014.
सफल राजनीतिज्ञ वह जो, जन गण में व्याप्त ।
जिस पद को वह पकड़ ले, कभी न होय समाप्त ॥
कभी न होय समाप्त, घुमाए पहिया ऐसा ।
पैसा से पद मिले, मिले फिर पद से पैसा ॥
कँह काका यह क्रम, न कभी जीवन-भर टूटे ।
नेता वही सफल, और सब नेता झूठे ॥
मन, मैला, तन ऊजरा, भाषण लच्छेदार,
ऊपर सत्याचार है, भीतर भ्रष्टाचार।
झूटों के घर पंडित बाँचें, कथा ‘सत्य-भगवान’ की,
जय बोलो बेईमान की!
प्रजातंत्र के पेड़ पर, कौआ करें किलोल,
टेप-रिकार्डर में भरे, चमगादड़ के बोल।
नित्य नई योजना बन रहीं, जन-जन के कल्याण की,
जय बोल बेईमान की!
पार्टीबंदी हों जहाँ, घुसे अखाड़ेबाज़
मक्खी, मच्छर, गंदगी का रहता हो राज
का रहता हो राज, सड़क हों टूटी – फूटी
नगरपिता मदमस्त, छानते रहते बूटी
कहँ ‘काका’ कविराय, नहीं वह नगरपालिका
बोर्ड लगा दो उसके ऊपर ‘नरकपालिका’
ठाकुर ठर्रा सिंह से बोले आलमगीर
पहुँच गये वो चाँद पर, मार लिया क्या तीर?
मार लिया क्या तीर, लौट पृथ्वी पर आये
किये करोड़ों ख़र्च, कंकड़ी मिट्टी लाये
‘काका’, इससे लाख गुना अच्छा नेता का धंधा
बिना चाँद पर चढ़े, हजम कर जाता चंदा