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Tag Archives: साहिर लुधियानवी
चाँद मद्धम है, आसमाँ चुप है
चाँद मद्धम है, आसमाँ चुप है नींद की गोद में, जहाँ चुप है दूर वादी में दूधिया बादल झुककर पर्वत को प्यार करते हैं दिल में नाक़ाम हसरतें लेकर हम तेरा इंतज़ार करते हैं चाँद मद्धम है…
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1955, Alankaar Songs, Lata Mangeshkar, Madan Mohan, Nalini Jaywant, Railway Platform, Sad Songs, Sahir Ludhiyanvi, Sheila Ramani, Sunil Dutt, अलंकार भरे गीत, उर्दू (हिन्दुस्तानी), दर्द भरे नग्मे, नलिनी जयवंत, मदन मोहन, रेलवे प्लेटफ़ॉर्म, लता मंगेश्कर, शीला रमानी, साहिर लुधियानवी, सुनील दत्त, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९५५
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पिघला है सोना दूर गगन पर, फैल रहे हैं शाम के साये….
पिघला है सोना दूर गगन पर, फैल रहे हैं शाम के साये…. भगवन तेरी सुन्दर रचना कितनी प्यारी है, तेरी महिमा के गुण गाता हर नर-नारी है ख़ामोशी कुछ बोल रही है, भेद अनोखे खोल रही है पंख-पखेरू सोच में … Continue reading
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged 1952, Alankaar Songs, Chorus, Geeta Bali, Jaal, Lata Mangeshkar, Nature, S.D. Burman, Sahir Ludhiyanvi, अलंकार भरे गीत, गीता बाली, जाल, जीवन-सूत्र, प्रकृति, लता मंगेश्कर, सचिन देव बर्मन, साहिर लुधियानवी, सृष्टि, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत
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औरत ने जनम दिया मर्दों को…
औरत ने जनम दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाज़ार दिया जब जी चाहा मसला-कुचला, जब जी चाहा दुत्कार दिया तुलती है कहीं दीनारों में, बिकती है कहीं बाज़ारों में नंगी नचवाई जाती है, अय्याशों के दरबारों में ये वो … Continue reading
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1958, Dattaram Naik, Lata Mangeshkar, N. Dutta, Sad Songs, Sadhna, Sahir Ludhiyanvi, Social Theme, उर्दू (हिन्दुस्तानी), एन. दत्ता, दत्ताराम नायक, भारत, लता मंगेश्कर, साधना, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम
आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम आजकल वो इस तरफ देखता है कम आजकल किसी को वो टोकता नहीं, चाहे कुछ भी कीजिये रोकता नहीं, हो रही है लूटमार, फट रहे हैं बम आसमाँ पे है खुदा ….
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Patriotic
Tagged 1958, Khayyam, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Sahir Ludhiyanvi, Satire, Social Theme, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, देशभक्ति, फिर सुबह होगी, भारत, भ्रष्टाचार, मुकेश, राज कपूर, व्यंग्य, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
ये कूचे ये नीलामघर दिलकशी के ये लुटते हुये कारवाँ ज़िन्दगी के कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के * जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Patriotic, Urdu (Hindustani)
Tagged Guru Dutt, Mohd. Rafi, Pyasa, Rafi, S.D. Burman, Sahir Ludhiyanvi, Social Theme, गुरुदत्त, प्यासा, मोहम्मद रफ़ी, सचिन देव बर्मन, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत
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