ये कूचे ये नीलामघर दिलकशी के
ये लुटते हुये कारवाँ ज़िन्दगी के
कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के *
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
ये पुरपेच गलियाँ, ये बदनाम बाज़ार *
ये ग़ुमनाम राही, ये सिक्कों की झन्कार
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार *
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
ये सदियों से बेख्वाब, सहमी सी गलियाँ
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियाँ *
ये बिकती हुई खोखली रंगरलियाँ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन *
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों में खाँसी की ठन-ठन
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख फ़िकरे *
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
यहाँ पीर भी आ चुके हैं जवाँ भी
तनोमंद बेटे भी अब्बा मियाँ भी *
ये बीवी भी है और बहन भी है माँ भी
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
मदद चाहती है ये हौवा की बेटी *
यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी *
पयम्बर की उम्मत, जुलेखा की बेटी *
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
ज़रा मुल्क के रहबरों को बुलाओ
ये गलियाँ ये मंजर दिखाओ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर उनको लाओ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
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* शब्दार्थ
मुहाफ़िज़ = रक्षक, protector
ख़ुदी = अभिमान, self-respect, pride
नाज़ = गर्व, pride
पुरपेच = जटिल, complex
इस्मत = इज़्ज़त, honour
ज़र्द = पीला
दरीचा = खिड़की, window
गुस्ताख = धृष्ट, arrogant
फ़िकरा = व्यंग्य, taunt
तनोमंद = स्वस्थ, healthy (physically fit)
हौवा = Eve (from Adam and Eve, the supposedly first woman ever)
हमजिंस = समान वर्ग से संबंध रखने वाले (same breed)
पयम्बर = पैगम्बर, prophet
उम्मत = अनुयायी, follower
रहबर = पथ-प्रदर्शक, मार्गदर्शक, guide
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गीत: साहिर लुधियानवी / Lyric: Sahir Ludhiyanvi
संगीत: सचिन देव बर्मन / Music: S.D. Burman
गायक: मोहम्मद रफ़ी / Singer: Mohd. Rafi
फिल्म: प्यासा / Film: Pyasa (1957)
अभिनेता: गुरुदत्त / Actor: Guru Dutt
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Yeh Kooche Yeh Neelamghar Dilkashi Ke
Yeh Lut-te Huye Karwaan Zindagi Ke
Kahaan Hain, Kahaan Hai Muhafiz Khudi Ke
Jinhen Naaz Hai Hind Par Woh Kahaan hai?
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