Category Archives: Literature

“आपकी क़सम” / Aapki Qasam

आप ख़ुद ही सोचिये मैं हूँ उन्हें कितना अज़ीज़ वो ख़ुदा को छोड़कर मेरी क़सम खाने लगे शेर: शकील बदायूँनी 

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जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …

ये कूचे ये नीलामघर दिलकशी के ये लुटते हुये कारवाँ ज़िन्दगी के कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के * जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …

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सच है दुनिया वालो, कि हम हैं अनाड़ी

सब कुछ सीखा हमने, न सीखी होशियारी सच है दुनिया वालो, कि हम हैं अनाड़ी

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दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे

दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे लुटे दिल के अरमाँ, बुझे नैन तारे ये क्या दौर आया, लो बदली बहारें हुये ग़ैर वो भी, किसे हम पुकारें जो कहते थे हमसे, कि हम हैं तुम्हारे दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे

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पति के नाम का रोना

अपने पति के नाम का रोना रोते हुये एक महिला ने कहा, सुनो बहन, इस इंसान के पीछे मैंने क्या-क्या दुःख नहीं सहा मैं बीस वर्षों से इसके साथ जी नहीं सड़ रही हूँ यही समझो कि धीरे-धीरे मर रही हूँ

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