दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे
लुटे दिल के अरमाँ, बुझे नैन तारे
ये क्या दौर आया, लो बदली बहारें
हुये ग़ैर वो भी, किसे हम पुकारें
जो कहते थे हमसे, कि हम हैं तुम्हारे
दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे
वफ़ा इस जहाँ में, कहीं भी न पाई
हुई दूर मंज़िल, घटा ग़म की छाई
हैं काजल से काले, अजब दिन हमारे
दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे
बनी मेरे दिल पर, ये तस्वीर तेरी
तुझे फिर न पाया, ये तक़दीर मेरी
नहीं कोई अपना, रहे बेसहारे
दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे
लुटे दिल के अरमाँ, बुझे नैन तारे
दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे
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गीत: हसरत जयपुरी / Lyric: Hasrat Jaipuri
संगीत: एन. दत्ता (दत्ताराम नायक) / Music: N. Dutta (Dattaram Naik)
गायक: मुकेश / Singer: Mukesh
फिल्म: काला आदमी / Film: Kala Aadmi (1960)
अभिनेता: अशोक कुमार / Actor: Ashok Kumar
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Dil Dhoondhta Hai Sahaare-Sahaare, Lute Dil Ke Armaan Jale Nain Taare
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