-
Archives
- October 2023
- December 2021
- November 2017
- October 2017
- August 2017
- July 2017
- June 2017
- May 2017
- October 2016
- April 2016
- March 2016
- July 2015
- February 2015
- November 2014
- August 2014
- July 2014
- June 2014
- April 2014
- January 2014
- December 2013
- November 2013
- October 2013
- September 2013
- August 2013
- June 2013
- May 2013
- March 2013
- January 2013
- December 2012
- November 2012
- September 2012
- August 2012
- March 2012
- February 2012
- January 2012
- December 2011
- October 2011
- September 2011
- August 2011
- May 2011
- April 2011
- March 2011
- February 2011
- January 2011
- December 2010
-
Meta
Tag Archives: Social Theme
आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम
आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम आजकल वो इस तरफ देखता है कम आजकल किसी को वो टोकता नहीं, चाहे कुछ भी कीजिये रोकता नहीं, हो रही है लूटमार, फट रहे हैं बम आसमाँ पे है खुदा ….
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Patriotic
Tagged 1958, Khayyam, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Sahir Ludhiyanvi, Satire, Social Theme, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, देशभक्ति, फिर सुबह होगी, भारत, भ्रष्टाचार, मुकेश, राज कपूर, व्यंग्य, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
Comments Off on आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम
आज के इस इंसान को ये क्या हो गया?
आज के इस इंसान को ये क्या हो गया? इसका पुराना प्यार कहाँ पर खो गया? कैसी ये मनहूस घड़ी है भाइयों में जंग छिड़ी है कहीं पे खून, कहीं पर ज्वाला जाने क्या है होने वाला सबका माथा आज … Continue reading
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Patriotic, Urdu (Hindustani)
Tagged Amar Rahe Yeh Pyar, C. Ramchandra, Chitalkar, India, Kavi Pradeep, Poems, Social Theme, अमर रहे ये प्यार, उर्दू (हिन्दुस्तानी), कवि प्रदीप, चितलकर, देशभक्ति, सामाजिक समस्यायें, सी. रामचंद्र, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत
Comments Off on आज के इस इंसान को ये क्या हो गया?
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
ये कूचे ये नीलामघर दिलकशी के ये लुटते हुये कारवाँ ज़िन्दगी के कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के * जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Patriotic, Urdu (Hindustani)
Tagged Guru Dutt, Mohd. Rafi, Pyasa, Rafi, S.D. Burman, Sahir Ludhiyanvi, Social Theme, गुरुदत्त, प्यासा, मोहम्मद रफ़ी, सचिन देव बर्मन, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत
Comments Off on जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …
पैसे का मंतर, पैसे का जंतर
पैसे का मंतर, पैसे का जंतर पैसा-पैसा छू जाते प्राण पलट के आवें गज़ब तेरा जादू छू-छू मंतर, है जादू मंतर
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1956, Anil Biswas, Chorus, India, Kishore Kumar, Majrooh Sultanpuri, Paisa Hi Paisa, Satire, Social Theme, अनिल बिस्वास, उर्दू (हिन्दुस्तानी), किशोर कुमार, पैसा ही पैसा, भारत, भ्रष्टाचार, मजरूह सुल्तानपुरी, व्यंग्य, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५६
Comments Off on पैसे का मंतर, पैसे का जंतर