पैसे का मंतर, पैसे का जंतर
पैसा-पैसा छू
जाते प्राण पलट के आवें
गज़ब तेरा जादू
छू-छू मंतर, है जादू मंतर
बिन तेरे हैं वैद, डॉक्टर
सब कौड़ी के तीन
तेरे आगे झूठी पड़ जाती है पेंसिलीन
बड़ी दवाई नगद नारायण
बाकी छक्का-छू
गज़ब तेरा जादू
पैसे का मंतर, पैसे का जंतर…
तेरी खातिर मुल्ला पंडित
सब बेचें ईमान
तेरे हाथों काठ का उल्लू
बनता है इंसान
तेरे ही खातिर है सारी
ये मैं-मैं-तू
पैसा ही अल्लाह
पैसा ही दाता
पैसा ही भगवान
पैसा ही बाबा
पैसा ही भैया
पैसा ही अम्मा जान
तू है तो सब रिश्ता नाता
नहीं तो बम्बक-भू
एक तेरे बिना लाखों फिरें
बन के निखट्टू
एक तेरे ही हंटर से
चले दुनिया का टट्टू
एक तेरी ही डोरी पे नाचे
धरती का लट्टू
तेरी चमक से अंधी अँखियाँ
मारें नैना-बान
तेरी खनक पर मरता मुर्दा
उठ के लगावे तान
तुझ से ही जीवन का मुर्गा
बोले कुकड़ू-कूँ
गज़ब तेरा जादू
पैसे का मंतर, पैसे का जंतर…
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Paise ka mantar, paise ka jantar
गीत: मजरूह सुल्तानपुरी / Lyrics: Majrooh Sultanpuri
संगीत: अनिल बिस्वास / Music: Anil Biswas
गायक: किशोर कुमार और साथी / Singers: Kishore Kumar and Chrous
फिल्म: पैसा ही पैसा / Film: Paisa Hi Paisa (1956)
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