हुए इस कदर मुहज़्ज़ब, कभी घर का मुँह न देखा
कटी उम्र होटलों में, मरे अस्पताल जाकर
—-
* शब्दार्थ
मुहज़्ज़ब = सभ्य, शिष्ट, civilized
—-
शेर: अकबर इलाहाबादी
डॉ. ज़रीना सानी और डॉ. विनय वाईकर की पुस्तक “आईना-ए-ग़ज़ल” (पाँचवां संशोधित संस्करण 2002, पृष्ठ 174,श्री मंगेश प्रकाशन, नागपुर) से साभार उद्धृत
—–
Huye is kadar muhazzab, kabhi ghar ka munh na dekha *
kati umr hotelon mein, mare aspataal jaakar
—-
* Meanings
Muhazzab = civilized
—-
Sher/Couplet: Akbar Allahabadi
Gratefully excerpted from “Aaina-e-Ghazal” of Dr. Zarina Sani and Dr. Vinay Waikar, 5th revised edition, 2002, p. 174, Shree Mangesh Prakashan, Nagpur.