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Monthly Archives: December 2013
खुदा निगहबान हो तुम्हारा…
मुखड़ा: वो आई सुबह के पर्दे से मौत की आवाज़ किसी ने तोड़ दिया जैसे ज़िंदगी का साज गीत: खुदा निगहबान हो तुम्हारा, धड़कते दिल का पयाम ले लो तुम्हारी दुनिया से जा रहे हैं, उठो हमारा सलाम ले लो … Continue reading
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani)
Tagged 1960, Dilip Kumar, Lata Mangeshkar, Madhubala, Mughal-e-Azam, Naushad, Sad Songs, Shakeel Badayuni, Sher-o-Shayari, उर्दू (हिन्दुस्तानी), दर्द भरे नग्मे, दिलीप कुमार, नौशाद, मधुबाला, मुग़ल-ए-आज़म, लता मंगेश्कर, शकील बदायूँनी, शेरो-शायरी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९६०
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राग : शुभ्रा
हमारे मित्र मंदार पुरंदरे अपने इस रोचक और पठनीय लेख में आशा करते हैं कि उन्हें एक बरफ़ लाने वाली धुन मिलेगी; एक ऐसा राग, जो एक “ग्लोबल कूलिंग” मंत्र जैसा काम करे और इसी बहाने मौसम के सुर-ताल को ठीक … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged 2014, Christmas, Global Warming, Mandar Purandare, New Year, क्रिसमस, नववर्ष, मंदार पुरंदरे, हिन्दी, हिन्दी गद्य
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तेरी दुनिया में जीने से तो…
तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जायें वही आसूँ वही आहें वही ग़म है जिधर जायें
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1955, Devanand, Hemant Kumar, House No. 44, Kalpana Kartik, S.D. Burman, Sad Songs, Sahir Ludhiyanvi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), कल्पना कार्तिक, दर्द भरे नग्मे, देवानंद, सचिन देव बर्मन, साहिर लुधियानवी, हाउस नं. ४४, हिन्दी, हेमंत कुमार, फ़िल्मी गीत, १९५५
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ख़यालों में किसी के…
ख़यालों में किसी के इस तरह आया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ-आ के तड़पाया नहीं करते दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करते जो ठुकराये गये हों उनको ठुकराया नहीं करते
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1950, Bawre Nain, Geeta Dutt, Kidar Sharma, Mukesh, Raj Kapoor, Roshan, Vijayalaxmi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), केदार शर्मा, गीता दत्त, बावरे नैन, मुकेश, राज कपूर, रोशन, विजयलक्ष्मी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५०
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जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा
मुखड़ा (रफ़ी, रहमान के लिये स्वर): फिरते थे जो बड़े ही सिकंदर बने हुये बैठें हैं उनके सर पे कबूतर बने हुये गीत (रफ़ी): जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा तौबा, उस प्यार से तौबा…
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1958, Khayyam, Mala Sinha, Mohd. Rafi, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Rehman, Sahir Ludhiyanvi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, फिर सुबह होगी, माला सिन्हा, मुकेश, मोहम्मद रफ़ी, रहमान, राज कपूर, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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