Tag Archives: Mandar Purandare

राग : शुभ्रा

हमारे मित्र मंदार पुरंदरे अपने  इस रोचक और पठनीय लेख में आशा करते हैं  कि उन्हें एक  बरफ़ लाने वाली धुन मिलेगी; एक ऐसा राग, जो एक “ग्लोबल कूलिंग” मंत्र जैसा काम करे और इसी बहाने मौसम के सुर-ताल को ठीक … Continue reading

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गर्मी की दोपहर

सामने खड़ी दस मंज़िला इमारत। हर घर की बाल्कनी से झाँकता कम से कम एक टीवी अन्टेना। लेकिन हर घर चुप खामोश इतना कि लगे इमारत जैसे ख़ाली हो!

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