तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर है कि मर जायें
वही आसूँ वही आहें वही ग़म है जिधर जायें
कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता
वही बेगाने चेहरे हैं, जहाँ पहुंचें जिधर जायें
अरे ओ आसमाँ वाले बता, इसमें बुरा क्या है
ख़ुशी के चार झोंके ग़र इधर से भी गुज़र जायें
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गीत: साहिर लुधियानवी / Lyric: Sahir Ludhiyanvi
संगीत: सचिन देव बर्मन / Music: S.D. Burman
गायिका: हेमंत कुमार / Singer: Hemant Kumar
अभिनेता: देवानंद, कल्पना कार्तिक और एक अज्ञात बाल कलाकार / Actors: Devanand, Kalpana Kartik and an unknown child artiste
फिल्म: हाउस नं. ४४ (१९५५) / Film: House No. 44 (1955)
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