Category Archives: Urdu (Hindustani)

उनका ग़म

हर ख़ुशी दिल को ग़मगीन किये जाती है इक तेरे ग़म से ज़िंदगी शादाब हुई जाती है

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तस्वीर बनाता हूँ तेरी ख़ून-ए-जिगर से

तस्वीर बनाता हूँ तेरी, ख़ून-ए-जिगर से देखा है तुझे मैंने, मुहब्बत की नज़र से

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ज़िंदगी ईनाम-ए-कुदरत है…

कहते हैं मुझसे, ज़िंदगी ईनाम-ए-कुदरत है सज़ा क्या होगी उसकी, जिसका ये ईनाम है साकी

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ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता

ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता

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दिल्लगी

दिल्लगी, दिल्लगी नहीं नासेह तेरे दिल को अभी लगी ही नहीं शेर: दाग़

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