Category Archives: Urdu (Hindustani)

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …

ये कूचे ये नीलामघर दिलकशी के ये लुटते हुये कारवाँ ज़िन्दगी के कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के * जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …

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सच है दुनिया वालो, कि हम हैं अनाड़ी

सब कुछ सीखा हमने, न सीखी होशियारी सच है दुनिया वालो, कि हम हैं अनाड़ी

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दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे

दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे लुटे दिल के अरमाँ, बुझे नैन तारे ये क्या दौर आया, लो बदली बहारें हुये ग़ैर वो भी, किसे हम पुकारें जो कहते थे हमसे, कि हम हैं तुम्हारे दिल ढूँढ़ता है सहारे-सहारे

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जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है…

जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है, तो हँस  लेता हूं हादसा याद ये आता है, तो हँस लेता हूँ जज़्बा-ए-इश्क़ के अंजाम पे, इस दुनिया में जब कोई अश्क बहाता है, तो हँस  लेता हूं हादसा याद ये आता है, तो हँस … Continue reading

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क़िस्मत / Kismat

उन्हें ठहरे समुन्दर ने डुबोया जिन्हें तूफाँ का अंदाज़ा बहुत था शेर: डॉ. मंज़ूर अहमद मंज़ूर   डॉ. ज़रीना सानी और डॉ. विनय वाईकर की पुस्तक “आईना-ए-ग़ज़ल” (पाँचवां संशोधित संस्करण 2002, श्री मंगेश प्रकाशन, नागपुर, पृष्ठ 1) से साभार उद्धृत —– Unhen thahre … Continue reading

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