Category Archives: Literature

रात को जी चमके तारे…

रात को जी,  हाय, रात को जी चमके तारे, देख बलम मोहें अँखियाँ मारे जी, मैं मर गई रामा रात को जी, हाय, रात को जी चमके तारे, पहलू में दिल मेरा पाँव पसारे जी, मैं का करूँ राम

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तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत…

तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत, हम अपनों से कब खाली चलो हो चुका मिलना, न तुम खाली, न हम खाली — Tumhen ghairon se kab fursat, ham apnon se kab khali Chalo ho chuka milna, na tum khali, na ham … Continue reading

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बहे न कभी नैन से नीर

बहे न कभी नैन से नीर उठी हो चाहे दिल में पीर बावरे यही प्रीत की रीत बावरे यही प्रीत की रीत

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फैली हुई हैं सपनों की बाहें…

फैली हुई हैं सपनों की बाहें, आजा चल दें कहीं दूर वहीँ मेरी मंज़िल, वहीं तेरी राहें आजा चल दें कहीं दूर

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वो चाँद खिला, वो तारे हँसे…

वो चाँद खिला, वो तारे हँसे ये रात अजब मतवारी है समझने वाले, समझ गये हैं न समझे? न समझे वो अनाड़ी है वो चाँद खिला, वो तारे हँसे ये रात अजब मतवारी है

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