सुरमई रात ढलती जाती है
रूह ग़म से पिघलती जाती है
तेरी ज़ुल्फ़ों से प्यार कौन करे
अब तेरा इंतज़ार कौन करे
तुमको अपना बना के देख लिया
एक बार आज़मा के देख लिया
बार-बार ऐतबार कौन करे
अब तेरा इंतज़ार कौन करे
ऐ दिल-ए-ज़ार सोगवार न हो
उनकी चाहत में बेक़रार न हो
बदनसीबों से प्यार कौन करे
अब तेरा इंतज़ार कौन करे
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गीत: साहिर लुधियानवी / Lyrics: Sahir Ludhiyanvi
संगीत: जयदेव / Music: Jaidev
गायिका: तलत महमूद / Singer: Talat Mahmood
फिल्म: जोरू का भाई (१९५५) / Film: Joru Ka Bhai (1955)
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ज़ार = क्षीण, दुर्बल, अशक्त, दुःखी
सोगवार = शोकग्रस्त, दुःखी
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Surmai raat dhalti jaati hai
Rooh gham se pighalti jaati hai
Teri zulfon se pyar kaun kare
Ab tera intazaar kaun kare