Tag Archives: भ्रष्टाचार

रेल के डिब्बे में रामराज

डिब्बा था रेल का, तूफ़ान मेल का डिब्बे में डाकू थे डाकुओं के हाथों में, बंदूकें-चाकू थे पचहत्तर यात्री थे यात्रियों में एक थे, खद्दर के कपड़ों में दिखते थे नालायक, लेकिन विधायक थे

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नेताओं द्वारा शहीदों का शोषण और शहीद होने की व्यर्थता

कंधे पर लदे बेताल ने विक्रमादित्य से कहा, राजन, मेरे एक प्रश्न का उत्तर दो अन्यथा तुम्हारा सर धड़ से अलग हो जायेगा, तुम्हारा अस्तित्व हमेशा के लिये खो जायेगा

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आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम

आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम आजकल वो इस तरफ देखता है कम आजकल किसी को वो टोकता नहीं, चाहे कुछ भी कीजिये रोकता नहीं, हो रही है लूटमार, फट रहे हैं बम आसमाँ पे है खुदा ….

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पैसे का मंतर, पैसे का जंतर

पैसे का मंतर, पैसे का जंतर पैसा-पैसा छू जाते प्राण पलट के आवें गज़ब तेरा जादू छू-छू मंतर, है जादू मंतर

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चीन-ओ-अरब हमारा, हिन्दोस्ताँ हमारा

Happy Independence Day 2012 / स्वतंत्रता दिवस २०१२ आज़ादी के 65 वर्ष पूरे हुये… एक तरफ एक ऐसी स्वतंत्रता की ख़ुशी जिसके लिये लाखों-करोड़ों लोगों ने कोई आठ सौ वर्ष कमोबेश परतंत्र के दुःख झेले, दूसरी तरफ अभी भी बहुत … Continue reading

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