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Tag Archives: Satire
आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम
आसमाँ पे है खुदा और ज़मीं पे हम आजकल वो इस तरफ देखता है कम आजकल किसी को वो टोकता नहीं, चाहे कुछ भी कीजिये रोकता नहीं, हो रही है लूटमार, फट रहे हैं बम आसमाँ पे है खुदा ….
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Patriotic
Tagged 1958, Khayyam, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Sahir Ludhiyanvi, Satire, Social Theme, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, देशभक्ति, फिर सुबह होगी, भारत, भ्रष्टाचार, मुकेश, राज कपूर, व्यंग्य, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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पैसे का मंतर, पैसे का जंतर
पैसे का मंतर, पैसे का जंतर पैसा-पैसा छू जाते प्राण पलट के आवें गज़ब तेरा जादू छू-छू मंतर, है जादू मंतर
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1956, Anil Biswas, Chorus, India, Kishore Kumar, Majrooh Sultanpuri, Paisa Hi Paisa, Satire, Social Theme, अनिल बिस्वास, उर्दू (हिन्दुस्तानी), किशोर कुमार, पैसा ही पैसा, भारत, भ्रष्टाचार, मजरूह सुल्तानपुरी, व्यंग्य, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५६
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कितना बदल गया भगवान
देख तेरे भगवान की हालत क्या हो गई इंसान कितना बदल गया भगवान, कितना बदल गया भगवान (मारवाड़ी सेठ: काईं बोलै शैतान !)
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged Johnny Walker, Leela Mishra, Madan Mohan, Marwari, Naastik, Nalini Jaywant, Parody, Pradeep, Rafi, Railway Platform, Sahir Ludhiyanvi, Satire, Social Theme, Sunil Dutt, उर्दू (हिन्दुस्तानी), जीवन-सूत्र, जॉनी वॉकर, नलिनी जयवंत, भारत, मदन मोहन, मारवाड़ी, मोहम्मद रफ़ी, रेलवे प्लेटफ़ॉर्म, लीला मिश्रा, साहिर लुधियानवी, सुनील दत्त, हिन्दी, फ़िल्मी गीत
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भारतेंदु हरिश्चंद्र की कुछ और रचनायें
अंग्रेज़ महिमा मरी बुलाऊँ, देस उजाडूँ, महँगा करके अन्न। सबके ऊपर टिकट लगाऊँ धन है मुझको धन्न।। टिपण्णी: यहाँ टिकट का प्रयोग संभवतः “टैक्स” (कर) के लिये किया गया है —- “अथ अंगरेज स्तोत्र लिख्यते” “ “तुम मूर्तिमान हो, राज्य … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Patriotic
Tagged Bharatendu Harishchandra, Poems, Satire, Social Theme, काशी, भारत, भारतेंदु हरिश्चंद्र, भ्रष्टाचार, वाराणसी, व्यंग्य, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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