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Tag Archives: Social Theme
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना…
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये। नयी ज्योति के धर नये पंख झिलमिल, उडे मर्त्य मिट्टी गगन-स्वर्ग छू ले, लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी, निशा की गली में तिमिर राह भूले, खुले … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged Deepawali, Dipawali, Diwali, Gopaldas 'Neeraj', Indian Festivals, Poems, Social Theme, कवितायें, गोपालदास 'नीरज', दीपावली, दीवाली, भारतीय उत्सव, भारतीय त्यौहार, समाज, सामाजिक चिंतन, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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मौसम बीता जाये….
भाई रे, गंगा और जमुना की गहरी है धार आगे या पीछे सबको जाना है पार धरती कहे पुकार के, बीज बिछा ले प्यार के मौसम बीता जाये, मौसम बीता जाये
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged Alankaar Songs, Balraj Sahni, Chorus, Do Bigha Zameen, Lata Mangeshkar, Manna Dey, Salil Chowdhury, Shailendra, Social Theme, अलंकार भरे गीत, दो बीघा ज़मीन, बलराज साहनी, मन्ना डे, लता मंगेश्कर, शैलेन्द्र, सलिल चौधरी, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत
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रात गई फिर दिन आता है…
रात गई फिर दिन आता है इसी तरह आते-जाते ही, ये सारा जीवन जाता है…
Posted in Film Lyrics, Literature
Tagged 1954, Alankaar Songs, Asha Bhosle, Boot Polish, Chorus, David, Manna Dey, Pearls of Wisdom, Shailendra, Shankar Jaikishan, Social Theme, अलंकार भरे गीत, आशा भोंसले, जीवन-सूत्र, बूट पॉलिश, भारत, मन्ना डे, शंकर-जयकिशन, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत
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औरत ने जनम दिया मर्दों को…
औरत ने जनम दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाज़ार दिया जब जी चाहा मसला-कुचला, जब जी चाहा दुत्कार दिया तुलती है कहीं दीनारों में, बिकती है कहीं बाज़ारों में नंगी नचवाई जाती है, अय्याशों के दरबारों में ये वो … Continue reading
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1958, Dattaram Naik, Lata Mangeshkar, N. Dutta, Sad Songs, Sadhna, Sahir Ludhiyanvi, Social Theme, उर्दू (हिन्दुस्तानी), एन. दत्ता, दत्ताराम नायक, भारत, लता मंगेश्कर, साधना, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
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नेताओं द्वारा शहीदों का शोषण और शहीद होने की व्यर्थता
कंधे पर लदे बेताल ने विक्रमादित्य से कहा, राजन, मेरे एक प्रश्न का उत्तर दो अन्यथा तुम्हारा सर धड़ से अलग हो जायेगा, तुम्हारा अस्तित्व हमेशा के लिये खो जायेगा
Posted in Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Patriotic
Tagged India, Martyrdom, Martyrs, Patriotic Flavour, Poems, Satire, Shaheed, Social Theme, Unknown Author(s), अज्ञात, देशभक्ति, भारत, भ्रष्टाचार, व्यंग्य, हास्य कवितायें, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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