मौसम बीता जाये….

भाई रे, गंगा और जमुना की गहरी है धार
आगे या पीछे सबको जाना है पार

धरती कहे पुकार के, बीज बिछा ले प्यार के
मौसम बीता जाये, मौसम बीता जाये

अपनी कहानी छोड़ जा, कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर, तू फिर आये न आये
मौसम बीता जाये …

तेरी राह में कलियों ने, नैना बिछाये
डाली-डाली कोयल काली, तेरे गीत गाये
अपनी कहानी छोड़ जा, कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर, तू फिर आये न आये
मौसम बीता जाये …

ओ भाई रे,
नीला अम्बर मुस्काये, हर साँस तराने गाये
हाय, तेरा दिल क्यों मुरझाये
मन की बंसी पे, तू भी कोई धुन बजा ले
भाई तू भी मुस्कुरा ले

अपनी कहानी छोड़ जा, कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर, तू फिर आये न आये
मौसम बीता जाये …

भाई रे …..


गीत: शैलेन्द्र / Lyrics: Shailendra
संगीत: सलिल चौधरी / Music: Salil Chowdhury
गायक: मन्ना डे, लता मंगेश्कर और साथी  / Singers: Manna Dey, Lata Mangeshkar, and chorus
अभिनेता: बलराज साहनी और साथी / Actors: Balraj Sahni and others
फिल्म: दो बीघा ज़मीन (१९५३) / Film: Do Bigha Zameen (1953)

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Dharti kahe pukar ke, beej bichha le pyar ke,
Mausam beeta jaaye, mausam beeta jaaye

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