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जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना…

जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये। नयी ज्योति के धर नये पंख झिलमिल, उडे मर्त्य मिट्टी गगन-स्वर्ग छू ले, लगे रोशनी की झड़ी झूम ऐसी, निशा की गली में तिमिर राह भूले, खुले … Continue reading

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