Category Archives: Patriotic

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …

ये कूचे ये नीलामघर दिलकशी के ये लुटते हुये कारवाँ ज़िन्दगी के कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के * जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं …

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चीन-ओ-अरब हमारा, हिन्दोस्ताँ हमारा

Happy Independence Day 2012 / स्वतंत्रता दिवस २०१२ आज़ादी के 65 वर्ष पूरे हुये… एक तरफ एक ऐसी स्वतंत्रता की ख़ुशी जिसके लिये लाखों-करोड़ों लोगों ने कोई आठ सौ वर्ष कमोबेश परतंत्र के दुःख झेले, दूसरी तरफ अभी भी बहुत … Continue reading

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वतन की राह में वतन के नौजवाँ शहीद हो

वतन की राह में, वतन के नौजवाँ शहीद हो पुकारते हैं ये ज़मीन-ओ-आसमाँ, शहीद हो वतन की राह में … शहीद तेरी मौत ही, तेरे वतन की ज़िंदगी तेरे लहू से जाग उठेगी, इस चमन की ज़िंदगी खिलेंगे फूल उस … Continue reading

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सरफ़रोशी की तमन्ना (पं. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’)

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है। करता नहीं क्यूं दूसरा कुछ बात चीत देखता हूं मैं जिसे वो चुप तिरी मेहफ़िल में है। ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार अब तेरी … Continue reading

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भारतेंदु हरिश्चंद्र की कुछ और रचनायें

अंग्रेज़ महिमा मरी बुलाऊँ, देस उजाडूँ, महँगा करके अन्न। सबके ऊपर टिकट लगाऊँ धन है मुझको धन्न।। टिपण्णी: यहाँ टिकट का प्रयोग संभवतः “टैक्स” (कर) के लिये किया गया है —- “अथ अंगरेज स्तोत्र लिख्यते” “ “तुम मूर्तिमान हो, राज्य … Continue reading

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