Tag Archives: रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

सरफ़रोशी की तमन्ना (पं. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’)

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है। करता नहीं क्यूं दूसरा कुछ बात चीत देखता हूं मैं जिसे वो चुप तिरी मेहफ़िल में है। ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार अब तेरी … Continue reading

Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Patriotic, Urdu (Hindustani) | Tagged , , , , , , , , , | Comments Off on सरफ़रोशी की तमन्ना (पं. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’)