दिल को नियाज़-ए-हसरत-ए-दीदार कर चुके
देखा तो हम में ताक़त-ए-दीदार भी नहीं
शेर: मिर्ज़ा ग़ालिब
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स्रोत: उर्दू-हिन्दी शब्दकोश (प्रकाशक : उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ, १४वां संस्करण, २०१२, पृष्ठ ७३५) से साभार उद्धृत
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* शब्दार्थ
Niyaz (Niyaaz) = नियाज़ = चढ़ावा, नैवेद्य (offerings)
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Dil ko niyaaz-e-hasrat-e-deedaar kar chuke
Dekha to hum mein taaqat-e-deedar bhi naheen
Sher/Couplet: Mirza Ghalib
Gratefully excerpted from the Urdu-Hindi Shabdkosh (published by Uttar Pradesh Hindi Sansthan, Lucknow, 14th edition, 2012, p. 735)