Category Archives: Literature

पापी दिल

मस्जिद तो बना दी शब भर में, ईमाँ की हरारत वालों ने दिल अपना पुराना पापी है, बरसों में नमाज़ी हो न सका शेर: इक़बाल

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अब तेरा इंतज़ार कौन करे…

सुरमई रात ढलती जाती है रूह ग़म से पिघलती जाती है तेरी ज़ुल्फ़ों से प्यार कौन करे अब तेरा इंतज़ार कौन करे

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सुबह का इंतज़ार कौन करे…

सुरमई रात है, सितारे हैं आज दोनों जहाँ हमारे हैं सुबह का इंतज़ार कौन करे.. ये रुत ये समाँ मिले न मिले आरज़ू का चमन खिले न खिले वक़्त का ऐतबार कौन करे…

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सावन में आल्हा-पाठ : सेना के कूच का वर्णन

बुंदेलखंड में सावन के महीने में बरसात की रिमझिम के बीच “आल्हा” गाने का प्रचलन है। वीर-रस के इस काव्य में महोबा के चंदेल शासकों और उनके बनाफर सामंतों आल्हा और ऊदल की शौर्य गाथाओं का वर्णन है। सोचा इस … Continue reading

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मेरे साथी ख़ाली जाम…

महफ़िल से उठ जाने वालो, तुम लोगों पर क्या इल्ज़ाम तुम आबाद घरों के वासी, मैं आवारा और बदनाम मेरे साथी ख़ाली जाम…. दो दिन तुमने प्यार जताया, दो दिन तुमसे मेल रहा अच्छा खासा वक़्त कटा, और अच्छा खासा … Continue reading

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