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Category Archives: Hindi | हिन्दी
पर्बतों के पेड़ों पर…
पर्बतों के पेड़ों पर, शाम का बसेरा है सुरमई उजाला है, चंपई अँधेरा है दोनों वक़्त मिलते हैं, दो दिलों की सूरत से आसमाँ ने खुश होकर, रंग सा बिखेरा है
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged 1964, Alankaar Songs, Kamaljeet, Kamaljit, Khayyam, Lyrics of Hindi Film Songs, Mohd. Rafi, Sahir Ludhiyanvi, Shagoon, Suman Kalyanpur, Waheeda Rehman, अलंकार भरे गीत, उर्दू (हिन्दुस्तानी), कमलजीत, खय्याम, मोहम्मद रफ़ी, वहीदा रहमान, शगुन, साहिर लुधियानवी, सुमन कल्याणपुर, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९६४
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हमें ऐ दिल कहीं ले चल…
हमें ऐ दिल कहीं ले चल, बड़ा तेरा करम होगा हमारे दम से है हर ग़म न हम होंगे, न ग़म होगा हमें ऐ दिल कहीं ले चल…
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged 1954, Chandni Chowk, Majrooh Sultanpuri, Mukesh, Roshan, Sad Songs, उर्दू (हिन्दुस्तानी), चाँदनी चौक, दर्द भरे नग्मे, मजरूह सुल्तानपुरी, मुकेश, रोशन, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९५४
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शहरी जेबकतरा
बस में अपनी जेब कटती देख, यात्री ने शोर मचाया जेबकतरा उसे पकड़ कर थाने लाया और थानेदार से बोला, हुज़ूर, यह आदमी शहर में अव्यवस्था फैलाता है हमें शांतिपूर्वक जेब नहीं काटने देता गँवारों की तरह चिल्लाता है थानेदार … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Humor, Literature
Tagged Satire, Unknown Author(s), अज्ञात, ओशो, भारत, भ्रष्टाचार, राजनीति, व्यंग्य, सामाजिक बुराइयाँ, सामाजिक समस्यायें, हास्य कवितायें, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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दशकों बाद …
दशकों बाद मुझसे किसी की मुलाकात हुई । शांत पानी में छलकती एक प्रतिबिम्ब की तरह, उपवन के उस कोने में खिले उस अनजाने गुलाब की अनजानी सुगंध की तरह, वर्षा की पहली फुहार के साथ, खिड़की से आती उस … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged Arvind Sinha, Poems, अरविंद सिन्हा, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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तत्कालीन भारत और आधुनिक ग्रीस
एक बार बहुत पहले ये कविता कहीं पढ़ी थी। लिखी तो गयी थी ये संभवतः साठ-सत्तर के दशक के भारत के लिये। पर आज तो लगता है कि जैसे ये अब ग्रीस (यूनान) पर भी चरितार्थ होती है: आय इकाई, … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Humor
Tagged Poems, Satire, Unknown Author(s), अज्ञात, उर्दू (हिन्दुस्तानी), ग्रीस, जीवन-सूत्र, भारत, भ्रष्टाचार, यूनान, व्यंग्य, हास्य कवितायें, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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