-
Archives
- October 2023
- December 2021
- November 2017
- October 2017
- August 2017
- July 2017
- June 2017
- May 2017
- October 2016
- April 2016
- March 2016
- July 2015
- February 2015
- November 2014
- August 2014
- July 2014
- June 2014
- April 2014
- January 2014
- December 2013
- November 2013
- October 2013
- September 2013
- August 2013
- June 2013
- May 2013
- March 2013
- January 2013
- December 2012
- November 2012
- September 2012
- August 2012
- March 2012
- February 2012
- January 2012
- December 2011
- October 2011
- September 2011
- August 2011
- May 2011
- April 2011
- March 2011
- February 2011
- January 2011
- December 2010
-
Meta
Tag Archives: राज कपूर
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani)
Tagged 1797, 1869, 1954, 1959, 1961, Abida Parveen, Begum Akhtar, Chitra Singh, Dhoomal, Diwan-e-Ghalib, Film: Ghalib (1961 Pakistan), Film: Mirza Ghalib (1954), Ghazal, Ghulam Mohammed, Kajalbas Suhrawardi, Khayyam, Main Nashe Mein Hoon, Mirza Ghalib, Mohd. Rafi, Noor Jehan, Pakistani Music, Raj Kapoor, Salim Raza, Shankar Jaikishan, Sher-o-Shayari, Suraiya, Tassadaque Hussain, Usha Mangeshkar, Ustad Amanat Ali Khan, आबिदा परवीन, उर्दू (हिन्दुस्तानी), उस्ताद अमानत अली खान, ऊषा मंगेश्कर, खय्याम, चित्रा सिंह, तसद्दक़ हुसैन, दीवान-ए-ग़ालिब, धूमल, नूरजहाँ, पाकिस्तानी संगीत, बेग़म अख्तर, भारत भूषण, मिर्ज़ा ग़ालिब, मैं नशे में हूँ, मोहम्मद रफ़ी, राज कपूर, शंकर-जयकिशन, शेरो-शायरी, सलीम रज़ा, सुरैया, क़ज़लबाश सुहरावर्दी, ग़ुलाम मोहम्मद, फ़िल्म: मिर्ज़ा ग़ालिब (१९५४), फ़िल्म: ग़ालिब (१९६१ पाकिस्तान), फ़िल्मी गीत, १७९७, १८६९, १९५४, १९५९, १९६१
Comments Off on ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
ख़यालों में किसी के…
ख़यालों में किसी के इस तरह आया नहीं करते किसी को बेवफ़ा आ-आ के तड़पाया नहीं करते दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करते जो ठुकराये गये हों उनको ठुकराया नहीं करते
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1950, Bawre Nain, Geeta Dutt, Kidar Sharma, Mukesh, Raj Kapoor, Roshan, Vijayalaxmi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), केदार शर्मा, गीता दत्त, बावरे नैन, मुकेश, राज कपूर, रोशन, विजयलक्ष्मी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५०
Comments Off on ख़यालों में किसी के…
जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा
मुखड़ा (रफ़ी, रहमान के लिये स्वर): फिरते थे जो बड़े ही सिकंदर बने हुये बैठें हैं उनके सर पे कबूतर बने हुये गीत (रफ़ी): जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा तौबा, उस प्यार से तौबा…
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1958, Khayyam, Mala Sinha, Mohd. Rafi, Mukesh, Phir Subah Hogi, Raj Kapoor, Rehman, Sahir Ludhiyanvi, उर्दू (हिन्दुस्तानी), खय्याम, फिर सुबह होगी, माला सिन्हा, मुकेश, मोहम्मद रफ़ी, रहमान, राज कपूर, साहिर लुधियानवी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५८
Comments Off on जिस प्यार में ये हाल हो, उस प्यार से तौबा
रात को जी चमके तारे…
रात को जी, हाय, रात को जी चमके तारे, देख बलम मोहें अँखियाँ मारे जी, मैं मर गई रामा रात को जी, हाय, रात को जी चमके तारे, पहलू में दिल मेरा पाँव पसारे जी, मैं का करूँ राम
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature
Tagged 1948, Aag, Majrooh Sultanpuri, Mukesh, Raj Kapoor, Ram Ganguly, Shamshad Begum, Shankar Jaikishan, आग, मजरूह सुल्तानपुरी, मुकेश, राज कपूर, राम गाँगुली, शंकर-जयकिशन, शमशाद बेग़म, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९४८
Comments Off on रात को जी चमके तारे…
वो चाँद खिला, वो तारे हँसे…
वो चाँद खिला, वो तारे हँसे ये रात अजब मतवारी है समझने वाले, समझ गये हैं न समझे? न समझे वो अनाड़ी है वो चाँद खिला, वो तारे हँसे ये रात अजब मतवारी है
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged 1959, Alankaar Songs, Anari, Hasrat Jaipuri, Lata Mangeshkar, Mukesh, Nutan, Raj Kapoor, Shankar Jaikishan, अलंकार भरे गीत, नूतन, मुकेश, राज कपूर, लता मंगेश्कर, शंकर-जयकिशन, हसरत जयपुरी, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९५९
Comments Off on वो चाँद खिला, वो तारे हँसे…