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Monthly Archives: December 2013
न मंदिर में सनम होते, न मस्जिद में खुदा होता
न मंदिर में सनम होते, न मस्जिद में खुदा होता हमीं से यह तमाशा है, न हम होते तो क्या होता
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani)
Tagged Naushad, Poems, Sher-o-Shayari, उर्दू (हिन्दुस्तानी), नौशाद, शेरो-शायरी
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फ़क़ीराना आये सदा कर चले
फ़क़ीराना आये सदा कर चले मियाँ खुश रहो हम दुआ कर चले
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani)
Tagged 1723, 1810, 1982, Bazaar, Kavitakosh, Khayyam, Lata Mangeshkar, Meer Taqi 'Meer', Poems, Sher-o-Shayari, उर्दू (हिन्दुस्तानी), कविताकोष, खय्याम, दर्द भरे नग्मे, मीर तक़ी 'मीर', लता मंगेश्कर, शेरो-शायरी, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १७२३, १८१०, १९८२
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मुहब्बत करने वालों की परस्तिश कर
परस्तिश* कर, मुहब्बत करने वालों की परस्तिश कर खुदा होता है दिल में, जब मुहब्बत दिल में होती है —- शेर: बिस्मिल सईदी
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Sher-o-Shayari, Urdu (Hindustani)
Tagged Aaina-e-Ghazal, Bismil Saeedi, Vinay Waikar, Zarina Sani, आईना-ए-ग़ज़ल, उर्दू (हिन्दुस्तानी), बिस्मिल सईदी, विनय वाईकर, शेरो-शायरी, ज़रीना सानी
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एक झूठ है जिसका दुनिया ने रखा है मोहब्बत नाम
मुखड़ा : प्यार के सागर से निकली, मोती के बदले रेत । अब पछताये क्या होये, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत ।। गीत: एक झूठ है जिसका दुनिया ने, रखा है मोहब्बत नाम धोखा है जिसे कहते हैं वफ़ा, बस … Continue reading
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged 1951, Jadoo, Mohd. Rafi, Nalini Jaywant, Naushad, Sad Songs, Shakeel Badayuni, Suresh, उर्दू (हिन्दुस्तानी), जादू, दर्द भरे नग्मे, नलिनी जयवंत, नौशाद, मोहम्मद रफ़ी, शकील बदायूँनी, सुरेश, हिन्दी, फ़िल्मी गीत, १९५१
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रात को जी चमके तारे…
रात को जी, हाय, रात को जी चमके तारे, देख बलम मोहें अँखियाँ मारे जी, मैं मर गई रामा रात को जी, हाय, रात को जी चमके तारे, पहलू में दिल मेरा पाँव पसारे जी, मैं का करूँ राम
Posted in Film Lyrics, Hindi | हिन्दी, Humor, Literature
Tagged 1948, Aag, Majrooh Sultanpuri, Mukesh, Raj Kapoor, Ram Ganguly, Shamshad Begum, Shankar Jaikishan, आग, मजरूह सुल्तानपुरी, मुकेश, राज कपूर, राम गाँगुली, शंकर-जयकिशन, शमशाद बेग़म, हिन्दी, हिन्दी पद्य, फ़िल्मी गीत, १९४८
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