मुखड़ा :
प्यार के सागर से निकली, मोती के बदले रेत ।
अब पछताये क्या होये, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत ।।
गीत:
एक झूठ है जिसका दुनिया ने, रखा है मोहब्बत नाम
धोखा है जिसे कहते हैं वफ़ा, बस देख लिया अंजाम
अरे बस देख लिया अंजाम…
पानी सी नज़र, पत्थर सा जिगर, बेदर्द तुझे पहचान गये
हम प्यार की नगरी में आकर, दस्तूर यहाँ के जान गये
मिलती है ख़ुशी दम भर के लिये, रोने को हैं सुबह-ओ-शाम
हाय बस देख लिया अंजाम…
न पूछ हुआ जो हाल मेरा, एक तेरी नज़र के धोखे से
जैसे कोई जलता दीप बुझे, बस एक हवा के झोंके से
दिल दे के हमें कुछ भी न मिला, बेकार हुये बदनाम
हाय बस देख लिया अंजाम…
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गीत: शकील बदायूँनी / Lyrics: Shakeel Badayuni
संगीत: नौशाद / Music: Naushad
गायक: मोहम्मद रफ़ी / Singer: Mohd. Rafi
अभिनेता: सुरेश, नलिनी जयवंत / Actors: Suresh, Nalini Jaywant
फ़िल्म: जादू (१९५१) / Film: Jadoo (1951)
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Ek jhooth hai jiska duniya ne rakha hai mohabbat naam
Dhokha hai jise kahte hai wafa, bas dekh liya anjaam
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Note: “Muhabbat” and “Mohabbat” (मुहब्बत/मोहब्बत) are generally used as synonyms (पर्यायवाची).