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Tag Archives: लोकोक्तियाँ
देनदार कोउ और है…
देनदार कोउ और है, देत रहत दिन-रैन । लोग भरम हम पर करें, ताते नीचे नैन ।। कवि: अब्दुर्रहीम खान खाना / Abdul Rahim Khan-I-Khana
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Urdu (Hindustani)
Tagged Abdul Rahim Khan-I-Khana, Pearls of Wisdom, Poems, Rahim, अब्दुर्रहीम खान खाना, उर्दू (हिन्दुस्तानी), जीवन-सूत्र, नीति के दोहे, रहीम, रहीम के दोहे, लोकोक्तियाँ, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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सुभाषित : शोक का प्रभाव
मूल संस्कृत पद्य शोको नाशयते धैर्य, शोको नाशयते श्रॄतम्। शोको नाशयते सर्वं, नास्ति शोकसमो रिपु॥
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Sanskrit | संस्कृत
Tagged Classical Indian Texts, Pearls of Wisdom, Subhashit, जीवन-सूत्र, लोकोक्तियाँ, संस्कृत, सुभाषित
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नीति-शतक : न्याय का पथ
मूल संस्कृत पद्य निन्दन्तु नीतिनिपुणा, यदि वा स्तुवन्तु लक्ष्मीः स्थिरा भवतु, गच्छतु वा यथेष्टम् । अद्यैव वा मरणमस्तु, युगान्तरे वा न्याय्यात्पथः प्रविचलन्ति, पदं न धीराः ।। ७४ ।।
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature, Sanskrit | संस्कृत
Tagged Bhartrihari, Classical Indian Texts, Moolchandra Pathak, Neeti Shatak, Pearls of Wisdom, Social Theme, Subhashit, जीवन-सूत्र, नीति-शतक, भर्तृहरि, मूलचंद्र पाठक, लोकोक्तियाँ, संस्कृत, सुभाषित
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अति का वर्जन
अति गुणी अति निर्गुणी, अति दाता अति सूर इन चारौं से लक्ष्मी, सदा रहत हैं दूर ——– श्रेणी: बुन्देलखंड की लोकोक्तियाँ स्रोत: दोहा ज्ञान अमृत सागर (संग्रहकर्ता: श्री देवीदीन विश्वकर्मा, कीरतपुरा, महोबा, उ.प्र.) मुद्रक: गोपाल ऑफसेट प्रेस (मऊरानीपुर, झाँसी, उ.प्र.) … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged Bundelkhand, Doha Gyan Amrit Sagar, Folk Wisdom, Pearls of Wisdom, Unknown Author(s), अज्ञात, जीवन-सूत्र, देवीदीन विश्वकर्मा, दोहा ज्ञान अमृत सागर, नीति के दोहे, बुंदेलखंड, बुन्देलखंड, बुन्देलखंड की लोकोक्तियाँ, लोकोक्तियाँ, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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कर्महीन
कहा दोष करतार को, कर्म कुटिल गह बाँह कर्महीन किलपत रहै, कल्प वृक्ष की छाँह ——– श्रेणी: बुन्देलखंड की लोकोक्तियाँ स्रोत: दोहा ज्ञान अमृत सागर (संग्रहकर्ता: श्री देवीदीन विश्वकर्मा, कीरतपुरा, महोबा, उ.प्र.) मुद्रक: गोपाल ऑफसेट प्रेस (मऊरानीपुर, झाँसी, उ.प्र.) श्री … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Literature
Tagged Bundelkhand, Doha Gyan Amrit Sagar, Folk Wisdom, Pearls of Wisdom, Unknown Author(s), अज्ञात, जीवन-सूत्र, देवीदीन विश्वकर्मा, दोहा ज्ञान अमृत सागर, नीति के दोहे, बुंदेलखंड, बुन्देलखंड, बुन्देलखंड की लोकोक्तियाँ, लोकोक्तियाँ, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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