Category Archives: Humor

पैसे का मंतर, पैसे का जंतर

पैसे का मंतर, पैसे का जंतर पैसा-पैसा छू जाते प्राण पलट के आवें गज़ब तेरा जादू छू-छू मंतर, है जादू मंतर

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चाहे कोई खुश हो, चाहे गालियाँ हज़ार दे

चाहे कोई खुश हो, चाहे गालियाँ हज़ार दे मस्तराम बन के ज़िन्दगी के दिन गुज़ार दे

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देने वाला जब भी देता…

देने वाला जब भी देता, पूरा छप्पर फाड़ के देता नंग-धडंग-मलंग जनों को दूरबीन से ताड़ के देता न देखे वो गोरा-काला, न देसी-परदेसी जब चाहे सोने से भर दे, फटे टाट की ठेसी जिस पर उसको प्यार आ जाता, … Continue reading

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कितना बदल गया भगवान

देख तेरे भगवान की हालत क्या हो गई इंसान कितना बदल गया भगवान, कितना बदल गया भगवान (मारवाड़ी सेठ: काईं बोलै शैतान !)

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भारतेंदु हरिश्चंद्र की कुछ और रचनायें

अंग्रेज़ महिमा मरी बुलाऊँ, देस उजाडूँ, महँगा करके अन्न। सबके ऊपर टिकट लगाऊँ धन है मुझको धन्न।। टिपण्णी: यहाँ टिकट का प्रयोग संभवतः “टैक्स” (कर) के लिये किया गया है —- “अथ अंगरेज स्तोत्र लिख्यते” “ “तुम मूर्तिमान हो, राज्य … Continue reading

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