Monthly Archives: February 2011

“On duty to protect Maya, cop cleans her shoes”

An interesting news from zeenews.com (Feb. 8, 2011): Lucknow: Mayawati’s quirky ways are in the news again, Tuesday. This time it’s because of her personal security officer (PSO) who went beyond his call of duty to clean the Chief Minister’s … Continue reading

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आवारा (मजाज़ लखनवी)

शहर की रात और मैं, नाशाद-ओ-नाकारा फिरूँ जगमगाती जागती, सड़कों पे आवारा फिरूँ ग़ैर की बस्ती है, कब तक दर-ब-दर मारा फिरूँ ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ, ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ

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आधुनिक चोर

दोपहरी में चोर दुकान का, तोड़ रहा था ताला पुलिसमैन था खड़ा सड़क पर, बोले उससे लाला खड़े-खड़े क्या देख रहे हो, पकड़ो उसे सिपाही कहा सिपाही ने तब, इसको मैं नहीं पकड़ता भाई आगे चलकर ये मेरी सर्विस को … Continue reading

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शास्त्रीय संगीत (काका हाथरसी)

तम्बूरा ले मंच पर, बैठे प्रेमप्रताप, साज मिले पंद्रह मिनिट, घंटाभर आलाप। घंटाभर आलाप, राग में मारा गोता, धीरे-धीरे खिसक चुके थे सारे श्रोता। कहें काका, सम्मेलन में सन्नाटा छाया, श्रोताओं में केवल हमको बैठा पाया।

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व्यंग्यकार (शैल चतुर्वेदी)

हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ा और कहा, “एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?” तो बोला, “पहले खाना खिलाओ।” खाना खिलाया तो बोला, “पान खिलाओ।” पान खिलाया तो बोला, “खाना बहुत बढ़िया था उसका मज़ा मिट्टी में मत मिलाओ। अपन … Continue reading

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