Tag Archives: Shail Chaturvedi

व्यंग्यकार (शैल चतुर्वेदी)

हमनें एक बेरोज़गार मित्र को पकड़ा और कहा, “एक नया व्यंग्य लिखा है, सुनोगे?” तो बोला, “पहले खाना खिलाओ।” खाना खिलाया तो बोला, “पान खिलाओ।” पान खिलाया तो बोला, “खाना बहुत बढ़िया था उसका मज़ा मिट्टी में मत मिलाओ। अपन … Continue reading

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हमारे ऐसे भाग्य कहाँ (शैल चतुर्वेदी)

एक दिन अकस्मात एक पुराने मित्र से हो गई मुलाकात हमने कहा-“नमस्कार।” वे बोले-“ग़ज़ब हो गया यार! क्या खाते हो जब भी मिलते हो पहले से डबल नज़र आते हो?”

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बाज़ार का ये हाल है (शैल चतुर्वेदी)

बाज़ार का ये हाल है कि ग्राहक पीला और दुकानदार लाल है दूध वाला कहता है- “दूध में पानी क्यों है गाय से पूछो।” गाय कहेगी-“पानी पी रहीं हूँ तो पानी ही तो दूंगी दूध वाला मेरे प्राण ले रहा … Continue reading

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भारत और भिखारी (शैल चतुर्वेदी)

लोकल ट्रेन से उतरते ही हमने सिगरेट जलाने के लिए एक साहब से माचिस माँगी तभी किसी भिखारी ने हमारी तरफ हाथ बढ़ाया हमने कहा- “भीख माँगते शर्म नहीं आती?” वो बोला- “माचिस माँगते आपको आयी थी क्‍या”

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