दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है
हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार
या इलाही, ये माजरा क्या है
मैं भी मुँह में जबान रखता हूँ
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है
हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
जान तुम पर निसार करता हूँ
मैं नहीं जानता दवा क्या है
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नज़्म: मिर्ज़ा ग़ालिब (१७९७-१८६९) / Lyrics (Nazm): Mirza Ghalib (1797-1869)
संगीत: ग़ुलाम मोहम्मद / Music: Ghulam Mohammed
गायक: तलत महमूद और सुरैया / Singers: Talat Mahmood and Suraiya
फ़िल्म: मिर्ज़ा ग़ालिब (१९५४) / Film: Mirza Ghalib (1954)
अभिनय: भारत भूषण और सुरैया/ Actors: Bharat Bhushan and Suraiya
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शब्दार्थ / Meanings
मुश्ताक़ = उत्सुक, उत्कंठित (eager)
बेज़ार = त्रस्त, तंग (fed-up, disgusted)
मुद्दआ = अर्थ, मतलब, दावा, इच्छा (meaning, claim, desire)
निसार = न्यौछावर, क़ुर्बान (sacrifice)
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Dil-e-naadaan tujhe hua kya hai
Aakhir is dard ki dawa kya hai
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