Category Archives: Humor

सरकार

पतिदेव दफ्तर से घर आकर पत्नी से बोले मुस्करा कर ये सजधज, ये श्रृंगार क्या इरादा है सरकार

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तेली कौ ब्याह (काका हाथरसी)

भोलू तेली गाँव में, करै तेल की सेल गली-गली फेरी करै, ‘तेल लेऊ जी तेल’ ‘तेल लेऊ जी तेल’, कड़कड़ी ऐसी बोली बिजुरी तड़कै अथवा छूट रही हो गोली कहँ काका कवि कछुक दिना सन्नाटौ छायौ एक साल तक तेली … Continue reading

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दाढ़ी- महिमा (काका हाथरसी)

‘काका’ दाढ़ी राखिए, बिन दाढ़ी मुख सून ज्यों मंसूरी के बिना, व्यर्थ देहरादून व्यर्थ देहरादून, इसी से नर की शोभा दाढ़ी से ही प्रगति कर गए संत बिनोवा मुनि वसिष्ठ यदि दाढ़ी मुंह पर नहीं रखाते तो भगवान राम के … Continue reading

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पुलिस-महिमा (काका हाथरसी)

पड़ा – पड़ा क्या कर रहा , रे मूरख नादान दर्पण रख कर सामने , निज स्वरूप पहचान निज स्वरूप पह्चान , नुमाइश मेले वाले झुक – झुक करें सलाम , खोमचे – ठेले वाले कहँ ‘ काका ‘ कवि … Continue reading

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काका हाथरसी का “सुरा समर्थन”

भारतीय इतिहास का, कीजे अनुसंधान देव-दनुज-किन्नर सभी, किया सोमरस पान किया सोमरस पान, पियें कवि, लेखक, शायर जो इससे बच जाये, उसे कहते हैं ‘कायर’ कहँ ‘काका’, कवि बच्चन ने पीकर दो प्याला दो घंटे में लिख डाली पूरी ‘मधुशाला’

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