वो ज़िन्दगी का सफ़र हो कि जंग का मैदान
मुहाज़ कोई भी हो, हौसला ज़रूरी है *
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* शब्दार्थ
मुहाज़ = (war) front
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शेर: इदरीस ज़िया
डॉ. ज़रीना सानी और डॉ. विनय वाईकर की पुस्तक “आईना-ए-ग़ज़ल” (पाँचवां संशोधित संस्करण 2002, पृष्ठ 174,श्री मंगेश प्रकाशन, नागपुर) से साभार उद्धृत
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Woh zindagi ka safar ho ki jang ka maidaan
Muhaaz koi bhi ho, hausla zaroori hai
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* Meanings
Muhaaz = (war) front
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Sher/Couplet: Idris Zia
Gratefully excerpted from “Aaina-e-Ghazal” of Dr. Zarina Sani and Dr. Vinay Waikar, 5th revised edition, 2002, p. 174, Shree Mangesh Prakashan, Nagpur.