काहे को रोये, चाहे जो होये
सफल होगी तेरी आराधना
काहे को रोये ….
दीया टूटे तो है माटी, जले तो ये ज्योति बने
बहे आँसू तो है पानी, रुके तो ये मोती बने
ये मोती आँखों की पूंजी है, ये न खोये
काहे को रोये ….
समा जाये इसमें तूफ़ान, जिया तेरा सागर समान
नज़र तेरी काहे नादान, छलक गई गागर समान
जाने क्यों तूने यूँ, अँसुवन से नैन भिगोये
काहे को रोये ….
कहीं पे है दुःख की छाया, कहीं पे है खुशियों की धूप
बुरा-भला जैसा भी है, यही तो है बगिया का रूप
फूलों से काँटों से, माली ने हार पिरोये
काहे को रोये ….
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गीत: आनंद बख्शी / Lyric: Anand Bakshi
संगीत: सचिन देव बर्मन / Music: S.D. Burman
गायक: सचिन देव बर्मन / Singer: S.D. Burman
फिल्म: आराधना / Fim: Aradhana (1969)
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Kahe ko roye, chahe jo hoye, safal hogi teri aradhana…
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