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Tag Archives: ओम प्रकाश ‘आदित्य’
रेल के डिब्बे में रामराज
डिब्बा था रेल का, तूफ़ान मेल का डिब्बे में डाकू थे डाकुओं के हाथों में, बंदूकें-चाकू थे पचहत्तर यात्री थे यात्रियों में एक थे, खद्दर के कपड़ों में दिखते थे नालायक, लेकिन विधायक थे
Posted in Hindi | हिन्दी, Humor, Literature
Tagged Om Prakash 'Aditya', ओम प्रकाश 'आदित्य', भारत, भ्रष्टाचार, राजनीति, राजनैतिक भ्रष्टाचार, व्यंग्य, हास्य कवितायें, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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पाणि-ग्रहण
ओ घोड़ी पर बैठे दूल्हे, क्या हँसता है? देख सामने तेरा आगत मुँह लटकाये हुआ खड़ा हुआ है . अब हँसता है फिर रोयेगा, शहनाई के स्वर में जब बच्चे चीखेंगे चिंताओं का मुकुट शीश पर धरा रहेगा खर्चों की … Continue reading
Posted in Hindi | हिन्दी, Humor, Literature
Tagged Om Prakash 'Aditya', Poems, Satire, ओम प्रकाश 'आदित्य', व्यंग्य, शादी-विवाह पर प्रहसन, हास्य कवितायें, हिन्दी, हिन्दी पद्य
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