Monthly Archives: December 2013

तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत…

तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत, हम अपनों से कब खाली चलो हो चुका मिलना, न तुम खाली, न हम खाली — Tumhen ghairon se kab fursat, ham apnon se kab khali Chalo ho chuka milna, na tum khali, na ham … Continue reading

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बहे न कभी नैन से नीर

बहे न कभी नैन से नीर उठी हो चाहे दिल में पीर बावरे यही प्रीत की रीत बावरे यही प्रीत की रीत

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