राम प्रसाद भट्ट
हैम्बर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी
पिछले वर्षों की भांति ही इस वर्ष भी अगस्त माह में डॉ. राम प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में हैम्बर्ग विश्वविद्यालय में ‘हिंदी गहन अध्ययन कोर्स’ का आयोजन किया गया। इस बार यह कोर्स दो विभिन्न – बेसिक एवं इंटरमीडिएट – वर्गों के लिए आयोजित किया गया था जिसमें जर्मनी एवं अन्य योरोपियन देशों के विश्वविद्यालयों के 35 छात्र-छात्राओं तथा अन्य विद्यार्थियों, जो या तो विभिन्न विभागों अथवा कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं या फिर अभी-अभी अपनी स्कूली शिक्षा ख़त्म करके निकले हैं, ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। 5 अगस्त से 23 अगस्त तक चले ये दोनों कोर्स 23 अगस्त 2013 को सफलतापूर्वक संपन्न हो गए। वास्तव में हैम्बर्ग विश्वविद्यालय में इस ‘गहन हिंदी अध्ययन कोर्स’ का आयोजन पिछले 12 वर्षों से हर वर्ष किया जा रहा है। हर्ष का विषय यह है कि यह कोर्स लगभग पूरे पश्चमी योरोप में अपनी तरह के एक ख़ास कोर्स के रूप में स्थापित हो चुका है जो भारत से संबंधित अध्ययन करने वाले संस्थानों के छात्र-छात्राओं में, ख़ासकरके भारत-विद्या के छात्र-छात्राओं में काफ़ी लोकप्रिय है। यह इस कोर्स की लोकप्रियता का ही परिणाम है कि इस वर्ष से कोर्स का आयोजन वर्ष में एक बार भारत में भी शुरू कर दिया गया है।
भारत में इस कोर्स का आयोजन फ़रवरी माह में महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के सहयोग से वर्धा में किया जाता है जिसका श्रेय निश्चित रूप से विश्वविद्यालय के कुलपित विभूतिनारायण राय एवं उपकुलपति प्रो. अरविंदाक्षन जी को जाता है, क्योंकि इन्हीं लोगों के निजी प्रयासों से यह कोर्स वर्धा आ रहा है। फ़रवरी 2013 में जर्मन, ऑस्ट्रियन, स्पेनिश एवं डच-फ्लेमिश विश्वविद्यालयों के 25 छात्र-छात्राएँ इस कोर्स के अंतर्गत डॉ. भट्ट के साथ वर्धा गए थे। अब फ़रवरी 2014 में 10 फ़रवरी से 28 फ़रवरी तक इस कोर्स का आयोजन दूसरी बार वर्धा में होगा।